हमारे इतिहास को मिटाकर इतना बदलाव- क्षत्रियों का इतिहास
1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ?
(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्तमौर्य के प्रभाव को देखते हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था… जिस कारण, सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)
2. महाराणाप्रताप ”महान” ना होकर … अकबर ”महान” कैसे हो गया…?
जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था … यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियों और बहनों की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)
3. सवाईजयसिंह को “महान वास्तुप्रिय” राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली.. ?
जबकि… साक्ष्य बताते हैं कि…. जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक …. महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था.!
4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रियवीरशिवाजी को मिलना चाहिये वो … क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..?
5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… विदेशियों को हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…?
6. तेजोमहालय- ताजमहल ..लालकोट- लाल किला .. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा … एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली (महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार .. क्यों और कैसे हो गया …?
7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी… संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक जन-गण-मन हो गया है कैसे और क्यों हो गया ..?
8. और तो और…. हमारे आराध्य भगवान् राम.. कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये पता ही नहीं चला … आखिर कैसे ?
9. यहाँ तक कि हमारे आराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या … भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला…
कहने का मतलब ये है कि हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर, गजनवी, तैमूरलंग ही नहीं हैं…. बल्कि आज के सफेदपोश तथाकथित ठेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं….